प्रश्न: भारत में वित्तीय समावेशन पर प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के प्रभाव का आकलन कीजिए। वंचित आबादी तक इसका लाभ पहुंचाने में क्या चुनौतियां बनी हुई हैं?
Assess the impact of the Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY) on financial inclusion in India. What challenges remain in extending its benefits to underserved populations?
उत्तर: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना गरीब और वंचित वर्गों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने का प्रयास करती है। इसके तहत शून्य बैलेंस बैंक खाते, रुपे डेबिट कार्ड, बीमा कवरेज और ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक सशक्तिकरण, डिजिटल लेन-देन और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के प्रभाव
(1) बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच: PMJDY के तहत 45 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं, जिससे गरीबों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में शामिल किया गया है। यह पहल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है और गरीबों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाती है। इसके माध्यम से ग्रामीण और शहरी गरीबों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा गया है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
(2) डिजिटल लेन-देन में वृद्धि: इस योजना ने रुपे कार्ड और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया है। इससे कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है और गरीबों को सुरक्षित और सुविधाजनक लेन-देन का अवसर मिला है। डिजिटल लेन-देन के बढ़ने से भ्रष्टाचार में कमी आई है और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रहा है।
(3) सरकारी लाभों का सीधा हस्तांतरण: PMJDY के माध्यम से DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) को बढ़ावा मिला है, जिससे सब्सिडी और अन्य सरकारी लाभ सीधे बैंक खातों में जमा किए जाते हैं। इससे भ्रष्टाचार में कमी आई है और गरीबों को सीधे वित्तीय सहायता मिल रही है। इस योजना के तहत मनरेगा मजदूरी, गैस सब्सिडी और अन्य सरकारी लाभ सीधे बैंक खातों में भेजे जाते हैं।
(4) महिलाओं का वित्तीय सशक्तिकरण: इस योजना के तहत महिला खाताधारकों की संख्या अधिक है, जिससे महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली है। इससे महिलाओं की बचत और निवेश की प्रवृत्ति बढ़ी है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। PMJDY के तहत महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं तक आसान पहुंच मिली है, जिससे वे स्वयं सहायता समूहों और छोटे व्यवसायों में निवेश कर रही हैं।
(5) बीमा और पेंशन योजनाओं का विस्तार: PMJDY के तहत ₹2 लाख का दुर्घटना बीमा और ₹30,000 का जीवन बीमा प्रदान किया जाता है। इससे गरीबों को आर्थिक सुरक्षा मिली है और वे अचानक वित्तीय संकट से बच सकते हैं। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना को भी बढ़ावा दिया गया है, जिससे गरीबों को वित्तीय स्थिरता प्राप्त हो रही है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) से जुड़ी चुनौतियाँ
(1) खातों में निष्क्रियता: PMJDY के तहत खोले गए कई खाते निष्क्रिय हैं, जिनमें कोई लेन-देन नहीं होता। यह वित्तीय समावेशन के प्रभाव को सीमित करता है और बैंकिंग प्रणाली पर अतिरिक्त बोझ डालता है। कई खाताधारकों को बैंकिंग सेवाओं की जानकारी नहीं होने के कारण वे अपने खातों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
(2) ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग अवसंरचना की कमी: कई ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाओं और एटीएम की कमी के कारण वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सीमित है। इससे ग्रामीण आबादी को बैंकिंग सेवाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। कई दूरस्थ क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण लोग नकद लेन-देन पर निर्भर रहते हैं।
(3) डिजिटल साक्षरता की कमी: ग्रामीण और वंचित वर्गों में डिजिटल लेन-देन की जानकारी का अभाव है, जिससे वे ऑनलाइन बैंकिंग का लाभ नहीं उठा पाते। इससे डिजिटल वित्तीय समावेशन की गति धीमी हो जाती है। कई गरीब परिवारों को मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई लेन-देन की जानकारी नहीं होने के कारण वे डिजिटल सेवाओं का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
(4) ओवरड्राफ्ट सुविधा की सीमित उपलब्धता: PMJDY के तहत ₹10,000 तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा दी जाती है, लेकिन कई खाताधारकों को इसका लाभ नहीं मिल पाता। इससे छोटे व्यवसायों और गरीबों को वित्तीय सहायता मिलने में कठिनाई होती है। कई बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा देने में संकोच करते हैं, जिससे गरीबों को आपातकालीन वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती।
(5) बीमा दावों की जटिल प्रक्रिया: PMJDY के तहत दिए गए बीमा लाभों का दावा करने की प्रक्रिया जटिल है, जिससे कई लाभार्थी इसका उपयोग नहीं कर पाते। इससे गरीबों को बीमा सुरक्षा का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। बीमा दावों की प्रक्रिया लंबी और जटिल होने के कारण कई गरीब परिवार बीमा लाभ प्राप्त करने में असमर्थ रहते हैं।
PMJDY ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देकर गरीबों और वंचित वर्गों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है। हालांकि, निष्क्रिय खातों, डिजिटल साक्षरता की कमी और बैंकिंग अवसंरचना की चुनौतियाँ इस योजना की प्रभावशीलता को सीमित करती हैं। इसे बेहतर जागरूकता, डिजिटल शिक्षा और बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।